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 दुरदर्शन से लाभ-हानि हिंदी निबंध  | Essay on Doordarshan ke labh aur haniya in Hindi | Doordarshan ke Labh Aur Hani Par Nibandh In Hindi | Doordarshan Essay in hindi language


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Doordarshan ke labh aur hani

 दुरदर्शन से लाभ-हानि हिंदी निबंध  | Essay on Doordarshan ke labh aur haniya in Hindi | Doordarshan ke Labh Aur Hani Par Nibandh In Hindi | Doordarshan Essay in hindi language


Doordarshan kya hai | दूरदर्शन क्या है


टेलीविजन या दूरदर्शन का शाब्दिक अर्थ है- दूर की वस्तुओं या पदार्थों का ज्यों का ज्यों आँखों द्वारा दर्शन करना। टेलीविजन का प्रवेश आज घर घर हो रहा है। इसकी लोकप्रियता के कई कारणों में से एक कारण यह है कि एक रेडियो कैबिनेट के आकार प्रकार से तनिक बड़ा होता है। इसके सभी सेट रेडियो के सेट से मिलते जुलते हैं। इसे आसानी से एक जगह से दूसरी जगह या स्थान पर ले जाया जा सकता है। इसे देखने के लिए हमें न किसी प्रकार के चश्मे या मनोभाव या अध्ययन आदि की आश्वयकताएँ पड़ती हैं। इसके लिए किसी विशेष वर्ग के दर्शक या श्रोता के चयन करने की आश्वयकता नहीं पड़ती है, अर्थात् इसे देखने वाले सभी वर्ग या श्रेणी के लोग हो सकते हैं।


Short Essay - 1 दुरदर्शन से लाभ-हानि | Doordarshan ke labh aur haniya


दूरदर्शन विज्ञान का अद्भुत चमत्कार है । सन 1901 में मारकोनी नामक वैज्ञानिक ने रेडियो का अविष्कार किया था । इसकी सहायता से हम देश विदेश में होने वाले कार्यक्रम सुन सकते है।टीवी रेडियो का विकसित रूप है । सन 1926 में जे एल ब्रेयर्ड ने लोगों को टेलीविजन से परिचित कराया । 1959 को दिल्ली में पहला दूरदर्शन केन्द्र स्थापित किया गया । आज दूरदर्शन मनोरंजन का एक लोकप्रिय साधन बन गया है ।

दूरदर्शन के काफी लाभ हैं । इसमें प्रसारित होने वाले कार्यक्रमों से दर्शन सीधे प्रभावित होते हैं । नाटक, संगीत, कला आदि से लोगों में सांस्कृतिक रूचि विकसित होती है। खेलों के सीधे प्रसारण से युवा वर्ग में खेलों के प्रति रूचि बढ़ती है । धार्मिक कार्यक्रम हमें हमारी संस्कृति और धर्म से परिचित कराते हैं ।

दूरदर्शन की हानियां भी हैं । लोग अपना बहुत सा समय टीवी देखने में खर्च कर देते हैं। ज्यादा समय टीवी देखने से लोगों में आपसी मेलजोल कम हो जाता है। इससे मनुष्य के सामाजिक जीवन पर बुरा प्रभाव पड़ता है। विद्यार्थियों की पढ़ाई में बाधा आती है। अधिक टीवी देखने से आँखें कमजोर होती हैं।

Essay - 2 दुरदर्शन से लाभ-हानि | Doordarshan ke labh aur haniya


टेलीविजन आजकल हम सब लोगों के जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है। टेलीविजन से हम लोगों को फायदा भी है और नुकसान भी है।

टेलीविजन से फायदा यह है कि हमें घर बैठे देश दुनिया के बारे में सारी जानकारियां मिल जाती हैं और हम उसे लाइव देख पाते हैं। टेलीविजन की मदद से हम देश दुनिया को अच्छी तरह समझ पाते हैं और अलग-अलग लोगों के विचारों को जान पाते हैं।

टेलीविजन मनोरंजन का एक महत्वपूर्ण साधन है। इसमें आने वाले नित्य नए प्रोग्राम धारावाहिक, म्यूजिक, मूवी वगैरह से लोगों को अत्यंत आनंद आता है और लोग अपना गम भूल पाते हैं। टीवी की वजह से घर के सारे लोग एक साथ बैठते हैं और एक दूसरे से बातें करते हैं। दूरदर्शन से कई लोगों को रोजगार मिला हुआ है और कई नए टैलेंट को टेलीविजन में काम करने का मौका मिलता है। इससे कई गरीब लोगों की गरीबी भी दूर होती है।

टेलीविजन का जितना फायदा है उतना ही ज्यादा नुकसान भी है। टेलीविजन से सबसे ज्यादा नुकसान लोगों के खासकर के विद्यार्थियों के समय की बर्बादी है। कई लोगों को टेलीविजन की बुरी लत लग चुकी है, वह कई घंटे तक टीवी के आगे बैठे रहते हैं और बेकार सब प्रोग्राम भी देखते रहते हैं। इनसे उनका समय तो बर्बाद होता ही है साथ में दिमाग पर भी बुरा असर पड़ता है और उन लोगों का दिमाग धीरे-धीरे कमजोर होने लगता है।

टेलीविजन में आजकल ऐसे कई प्रोग्राम दिखाए जाते हैं जिन्हें घर के सारे लोग बैठकर एक साथ नहीं देख सकते हैं। इसका असर यह है कि लोगों को अपनी संस्कृति से ज्यादा अच्छी विदेशी संस्कृति लगने लगी है और वह लोग उनके फॉलोवर होते जा रहे हैं।

टेलीविजन की वजह से परिवार में विवाद भी बढ़ता जाता है। टेलीविजन में दिखाए गए दृश्य की वजह से लोगों में पैसों का लालच बढ़ता जा रहा है और वह किसी भी तरह के अपराध को करने के लिए प्रेरित होते हैं। टेलीविजन को आजकल इडियट बॉक्स भी कहा जाता है। इंटरनेट आने के बाद जिनके पास इंटरनेट की सुविधा है उन लोगों को टेलीविजन छोड़ इंटरनेट का इस्तेमाल करना चाहिए। इससे उनका समय भी बचेगा और उनकी जरूरतें भी पूरी हो जाएगी।

Essay - 3  दुरदर्शन से लाभ-हानि | Doordarshan ke labh aur haniya


आधुनिक विज्ञान ने जहाँ युद्ध, चिकित्सा, यातायात आदि क्षेत्रों में चमत्कार किया है| मनोरंजन के क्षेत्र में भी उसका योगदान कम महत्त्वपूर्ण नहीं है| चमत्कारों में रेडियो और सिनेमा ने अपनी लोकप्रियता चरम सीमा तक पहुँचा दी थी| किन्तु जब से दुरदर्शन का अविष्कार हुआ है, तब से इसकी धाक सर्वत्र जग गई है| दुरदर्शन का अंग्रेजी नाम टेलिविजन है, जिसका संक्षिप्त रूप टी.वी., आज बच्चे-बच्चे की जुबान पर है और दिन-प्रतिदिन विभिन्न नगरों में इसका प्रचार बढ़ता जा रहा है|

दुरदर्शन की लोकप्रियता का कारण यह है की इसने रेडियो और सिनेमा की सम्मिलित सुविधा को सुलभ किया है| रेडियो पर हम भाषण सुन सकते हैं, खेलों का विवरण जान सकते हैं, साहित्यिक भाषण और संगीत का लाभ उठा सकते हैं, पर उन कलाकारों को देख नहीं सकते, दुरदर्शन ने उसकी पूर्ति की है| उस पर नियमित रूप से फिल्मों का भी प्रदर्शन होता है, वे भले ही पुरानी हों, पर आनंद तो नया ही रहता है|

दुरदर्शन से हानि भी होती है| दुरदर्शन के कारण कुछ विद्यार्थी पढ़ते नहीं हैं| २४ घंटों में से १० से १२ घंटे टी.वी देखते रहते हैं| परिणाम स्वरुप परीक्षा में अनुत्तीर्ण होते हैं| परीक्षा में चोरी करने पर वे मजबूर ही जाते हैं| बहुत से विद्यार्थी तैयारी न कर पाने से परीक्षा में बैठते नहीं|

अंग्रेजी फिल्मों और उनके अनुकरण वाली हिन्दी फिल्मों में चुंबन, अलिंगन आदि गंदे दृश्य, अर्धनग्नता प्रदर्शित करने वाले अभिनेत्रियों के फैशन, प्यार के गंदे गीत, बलात्कार के दृश्य आदि युवक-युवतियों के मानस को बिगाड़ देते हैं| जातीय गुनाह की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ रही है|

बैंक, बाजार, दुकान आदि लूटना, बस, ट्राम, ट्रेन आदि जलाना, कौमी हुल्लड़, दंगे-फसाद आदि के दृश्य युवकों को गलत रस्ते पर ले जा सकते हैं| उन्हें गुमराह और देशद्रोही बना सकते हैं| युद्ध का दृश्य, मारा-मरी के दृश्य, क्रूर कत्ल और शरीर के नाजुक भाग पर प्रहार और मृत्यु आदि से युवक-युवतियों में हिंसा और खून की भावना फैली है| सभ्यता, विनम्रता, वाणी की मिठास आदि गुणों का विनाश हो रहा है| स्वच्छंदता, और उद्धता सर्वत्र फैल गए हैं|

स्कूल, कालेज, सरकारी, सार्वजनिक स्थलों पर अनुशास दिखाई नहीं देता है| उनका कारण दुरदर्शन के ऐसे मनस्वी और भद्दे दृश्य दिखाई पड़ते हैं| कुछ युवकों को बिल्कुल बिगाड़ देता है| उनकी पढ़ाई शून्य हो जाती है और संस्कार शून्य बन जाते हैं|

दुरदर्शन से अनेक लाभ भी होते हैं| स्कूल और कालेज के विद्यार्थियों के लिए विज्ञान के पाठ अच्छी तरह पढ़ाए जाते हैं| इतिहास, भूगोल, नागरिकशास्त्र, प्रशासन, नाटक, एकांकी के दृश्य तैयार करके दिखने से विद्यार्थी बहुत तरह अच्छी तरह याद रख सकते हैं|

सभ्यता, संस्कृति, धर्म, विनम्रता, राष्ट्रिय एकता आदि सद्गुण सारे राष्ट्र की जनता में एक साथ विकसित कर सकते है| रामायण और महाभारत जब दुरदर्शन पर दिखाए गए, तब लोग उसे देख कर आनंद मानाते थे| चाणक्य जैसे धारावाहिक ऐतिहासिक गाथा से लोगों से राष्ट्रिय एकता फैलती है| राष्ट्र के लिए सब कुछ न्योछावर कर देने की भावना बढ़ती है| फिल्म गीतों का कार्यक्रम भी लोकप्रिय बना है| धार्मिक, संस्कारी और गुरुदत्ता की सात्त्विक सामाजिक फिल्म देखने से लोगो में मनोरंजन के साथ सात्त्विक गुण खिलते है| अनपढ़ लोगों को पढ़ाने में, विकसित देशों में सैनिक-शिक्षा युवक-युवतियों को देने में, टेक्निकल ज्ञान देने में, गाँव, शहर, प्रांत, राष्ट्र और विश्व के प्रति हमारा फर्ज, अच्छी बुरी आदतो के नतीजे अनुशासन, कानून का व्यावहारिक ज्ञान देने में दुरदर्शन बहुत ही सफल रहा है|

दुरदर्शन विज्ञान की तरह स्वयं लाभदायक वस्तु हैं, किन्तु ठीकसे उपयोग न होने पर वह हानिकारक बन सकता हैं| दुरदर्शन का दूर से ही दर्शन करना चाहिए अन्यथा नजदीक जाने पर आँखों को नुकसान पहुँचता है| विज्ञान के अन्य आविष्कारो की भाँतें दुरदर्शन की भी यह हालत है कि सुरुचि सम्पन्न कार्यक्रम लाभ पहुंचाते है, तो कुरुचि-पूर्ण हानि| फिर भी इसका उपयोग लाभदायक अधिक हो सकता है|

Essay - 5  दुरदर्शन से लाभ-हानि | Doordarshan ke labh aur haniya


भूमिका-  दूरदर्शन या टी॰वि॰ आज हमारे जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा बन चूका है | महलों से लेकर झोपड़ियों तक इसने अपनी जगह बना की है | कुह इसे ‘बुद्धू बक्सा’ कहते है यो कुछ ‘जादू का पिटारा’ | जो भी हो, ज्ञान और मनोरंजन का आज यह सबसे प्रभावशाली साधन बन चूका है |
विस्तार- दूरदर्शन का अविष्कार उन्नीसवीं सदी में महान वैज्ञानिक जे॰एल॰बेयर्ड ने किया था | इसका पहला सार्वजानिक प्रदर्शन सन् 1925 में लंदन में हुआ था | तब से आज तक इसका प्रसार निरंतर बड़ते जा रहा है | भारत में 15 सितंबर सन् 1959 को हमारे प्रथम राष्ट्र्यापति डॅा॰ राजेंद्र प्रसद ने आकाशवाणी के टेलिविज़न विभाग का उद्घाटन किया था |

आज हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा बन चूका है | मनोरंजन का इससे सस्ता और प्रभावशाली कोई अन्य साधन नही है | नृत्य, संगीत, नाटक एवं फिल्म का आनंद घर बैठे ही लिया जा सकता है | जब से विभिन्न चैनेल आए है, मनोरंजन कार्यकरम की बढ़ सि आ गयी है | आप उदास है तो बस बटन दबाये और हँसी-ठहाकों की दुनिया में खो जाए  | नई-नई धारावाहिक कुछ समय के लिय हमें कल्पना की दुनिया में ले जाते हैं | जहाँ पहुँचकर हम दिनभर की थकान भूल जाते हैं |
दूरदर्शन का जीवन पर प्रभाव निबंध

यह मनोरंजन का खज़ाना है ही, ज्ञान का भंडार भी है | घर बैठे आप देश-विदेश की सैरकरने के साथ-साथ वहाँ की सारी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं | बर्फीले हिम प्रदेश, सूखे रेजिस्थान, घने भयावह जंगल, गहरे सागरों के भीतर की दुनिया- जहाँ जाना चाहें, आप रिमोट के बटन दबाकर पहुँच सकते हैं | डिस्कवरी(discovery), हिस्ट्री चैनल(history channel), ज्योग्राफिक चैनल(geographic channel) कुछ ऐसे चैनल हिन्, जिनके कार्यकरम ज्ञानवर्धक होने के साथ-साथ मनोरंजन और मनोहारी भी होते हैं |

चिकित्स्या, कृषि, व्यापार, खेलकूद आदि से सम्बंधित कई चैनल इन क्षेत्रों की आधुनिकतम जानकारी चौबीसों घंटे मिलती है | देश-विदेश के समाचार एवं  समाज तथा देश से जूरी घटनाओं पर परिचर्चाएं भी प्रसारित की जाती हैं | जीवन एवं स्वास्थ्य समस्याओं का समाधान प्रस्तुंत करने वाले कार्यकरम भी उयोगी होती हैं | अब तो धर्म हो या योग सभी दूरदर्शन हमें जोड़े रखता है |

Essay - 4  दुरदर्शन से लाभ-हानि | Doordarshan ke labh aur haniya


हानियँ- फूलों के साथ कांटे भी होते है | इसी प्रकार दूरदर्शन के लाभ तो है लेकिन हानियाँ  भी है | पारिवारिक रिश्तों में ये कुप्रभाव डालना शुरू कर दिया है | पहले सब साथ बैठकर हँस्ते-बोलते थे, अपना शुख-दुःख  बाँटते थे | अब बस दूरदर्शन(टी॰वी॰) के सामने बैठ जाते है | इससे कार्यक्रम का अस्तर दिन-व-दिन ऊँचा होने के स्थान पर गिरता जा रहा है | फूहड़, अशलील कार्यक्रमों का किशोरों  और युवायोंपर बुरा असर पड़ रहा हैं | लगातार देखते रहने पर आँखों पर जोड़ पड़ता है | सैर करने के स्थान पर बैठे रहने से शरीर में  कई रोग घर कर लेते हैं | मोटापा उनमे प्रमुख है |

उपसंहार- अंततः कहा जा सकता है  की दूरदर्शन  मनोरंजन और ज्ञान का एसा जंगल है, जहा हरियाली भी है और ज़हरीले पेड़-पौधे भी | चौकड़ी भरते हिरनों के झुंड भी हैं, और खौफनाक शेर-चीते भी | आवश्यकता है हम विवेक से काम लें और रिमोट का बटन का सही प्रयोग करें | केवल ऐसे कार्यक्रम ही देखें,  जो उच्च्स्तिरीय हों, हमारे विकास से साधक हों बधाक नहीं | यह हमारे नीरस जीवन में रस घोलने और ज्ञान के सूर्य से जीवन को जगमगाने का प्रभावशाली साधन हैं |


दूरदर्शन से लाभ –


Doordarshan ke labh | Advantages Of Television in Hindi- दूरदर्शन के लाभ को हम अग्रलिखित बिंदुओं के अंतर्गत देख सकते हैं-


सस्ता एवं सुलभ- दूरदर्शन बहुत ही सस्ता एवं सुलभ मनोरंजन हमें प्रदान करता है और यह लगभग हर जगह पर उपलब्ध भी है इसमें केवल बिजली का उपयोग होता है और हम अपनी स्वतंत्रता और रुचि के अनुसार मनोरंजन के कार्यक्रम को देख सकते हैं|
पर्यटन की जानकारियां- आज दूरदर्शन हमें देश विदेश के बारे में संपूर्ण जानकारियां देता है जिससे हम घर बैठकर ही पर्यटन का आनंद ले सकते हैं और हम यह भी जान सकते हैं कि कौन सा स्थल पर्यटन करने के लिए उपयुक्त है|
 बच्चों के विकास में लाभदायक- आज दूरदर्शन पर अनेकों कार्यक्रम प्रसारित होते हैं जोकि शिक्षा से संबंधित होते हैं और इन्हीं कार्यक्रमों के द्वारा बच्चों की बुद्धि का विकास शीघ्रता से संभव पाया है और बच्चों को हर तरह की शैक्षिक जानकारियां भी आज दूरदर्शन के ही माध्यम से उपलब्ध है|
 स्त्रियों के लिए लाभदायक- आज के इस नवीनतम दौर में जहां कुछ स्त्रियां अपना परचम हर क्षेत्र में फैला रही हैं वही कुछ जगहों पर भारतीय स्त्रियों की दशा आज भी दयनीय है| भारतीय स्त्रियों का ज्ञान आज भी सीमित है और इस को बढ़ाने में दूरदर्शन बहुत ही लाभप्रद है| दूरदर्शन के कारण ही स्त्रियों को आज विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों, देश-विदेश के रीति रिवाजों के साथ-साथ शैक्षणिक जानकारियों का भी लाभ मिल रहा है|


दूरदर्शन की हानियां-


Doordarshan ki haniya | Disadvantages Of Television in Hindi- जैसा कि उपरोक्त बिंदुओं से हम देख रहे हैं कि दूरदर्शन से हानि को लाभ आज हमें प्राप्त हो रहे हैं परंतु उसके साथ-साथ दूरदर्शन की कुछ हानियां भी हैं जोकि अग्रलिखित हैं-


समय की हानि- दूरदर्शन के कारण ही आज समय का बहुत ज्यादा दुरुपयोग हो रहा है, मनुष्य का मन हमेशा मनोरंजक कार्यक्रमों की ओर आकर्षित रहता है जिसके कारण उसकी कार्यक्षमता प्रभावित होती है| जिस अमूल्य समय का उपयोग उसे किसी महत्वपूर्ण कार्य के लिए करना चाहिए उसे वह मनोरंजन को देखते हुए बर्बाद कर देता है| और हम सभी यह जानते हैं कि इस समय का दुरुपयोग मतलब पैसों का दुरुपयोग|
 स्वास्थ्य की हानि- हम सभी यह जानते हैं कि दूरदर्शन में चैनलों को प्रसारित करने के लिए कुछ तरंगों का उपयोग किया जाता है, इसके साथ-साथ दूरदर्शन से भी प्रकाश की तरंगे निकलती है, और यह तरंगे हमारे नेत्रों एवं त्वचा पर हानिकारक प्रभाव डालती हैं, जिससे हमारे स्वास्थ्य को अत्यधिक हानि पहुंचती है|
बच्चों के भविष्य पर प्रभाव- एक और जहां पर दूरदर्शन के द्वारा बच्चे नई-नई शैक्षणिक जानकारियां प्राप्त करते हैं वहीं दूसरी ओर कुछ बच्चे अपना समय दूरदर्शन पर प्रसारित होने वाले अन्य कई कार्यक्रमों में बर्बाद करते हैं जिससे उनके भविष्य पर गहरा प्रभाव पड़ता है|

Note :- कृपया ध्यान दें: इस वेबसाइट का उद्देश्य विद्यार्थियों को नक़ल करना सिखाना नहीं है, बल्क़ि जिन विद्यार्थियों को हिन्दी निबंध लिखने में कठिनाई मेहसूस हो रही हो उनके लिए हैं | विद्यार्थियों से निवेदन है की यहाँ दिए गए निबंदो को पढ़े, समझें और अपने शब्दोँ में खुद से लिखने का प्रयास करें


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